Nitin Gadkari PM Post Offer: केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने खुलासा किया है कि एक बार एक विपक्षी नेता ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने पर उन्हें समर्थन देने की पेशकश की थी.
Nitin Gadkari Reveal: केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बड़ा खुलासा किया है. नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि एक बार एक नेता ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने पर उन्हें समर्थन देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था कि उनकी ऐसी कोई लालसा नहीं है. बता दें कि जून में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से दूर रह गई और सहयोगियों के दम पर एनडीए की सरकार बनीं. अब चुनाव के 4 महीने बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.
मैं किसी का नाम नहीं लूंगा: नितिन गडकरी
नागपुर में एक समारोह में नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा, ‘मुझे एक घटना याद है- मैं किसी का नाम नहीं लूंगा… उस व्यक्ति ने कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे.’ भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘लेकिन, मैंने पूछा कि आपको मेरा समर्थन क्यों करना चाहिए और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए? प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है. मैं अपने मान्यता और अपने संगठन के प्रति वफादार हूं और मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करूंगा, क्योंकि मेरा दृढ़ निश्चिय मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है.’
मुझे कोई प्रस्ताव लुभा नहीं सकता: गडकरी
नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा, ‘मैंने नेता से कहा था कि मैं एक विचारधारा और विश्वास का पालन करने वाला व्यक्ति हूं. मैं एक ऐसी पार्टी में हूं, जिसने मुझे वह सब कुछ दिया है जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. कोई भी प्रस्ताव मुझे लुभा नहीं सकता.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे साफ-साफ कहा कि मैं कुछ सिद्धांतों और विश्वासों के साथ बड़ा हुआ हूं और मैं उनसे समझौता नहीं करूंगा.’
विपक्षी नेता ने कब दिया था पीएम पद का ऑफर?
हालांकि उन्होंने घटना के बारे में विस्तार से नहीं बताया और इस बात की भी जानकारी नहीं दी कि यह वाकया कब का है. लेकिन, उन्होंने संकेत दिया कि 2024 के आम चुनावों से पहले एक विशेष वरिष्ठ विपक्षी राजनेता ने उनसे संपर्क किया था, जब यह माना जा रहा था कि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाएगा और सरकार बनाने के लिए उसे कुछ विपक्षी दलों के समर्थन की आवश्यकता हो सकती है.